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Baba Poems

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**** जीवन शैली****

**जीवन को एक नयी दिशा मिली**

**आत्मविश्वाश का दीप जला**

**मन को शुभ चिंतन मिला**

**व्यर्थ से संकल्पों को मुक्ति मिली**

**कर्म श्रेष्ठ बनाने का अवसर मिला**

**भाग्य को जीत बने सौभाग्यशाली**

**हुई परिवर्तन नित नयी जीवन शैली**

**आत्मा हुई पवित्र जो थी मैली**

**आंनद की लहर दिल में चलने लगी**

**गुलाब की पंखुड़ी फिर खिलने लगी**

**ज्ञान सूर्य की किरण जब पड़ने लगी**

**हमको मिली अब ऐसी अविनाशी ख़ुशी**

**रूहानियत से आँखे चमकने लगी**

**शांति की शक्ति से दुनिया बदलने लगी**

**हर घड़ी प्रभु प्रेम की अनुभूति होने लगी**

**मन बद्धि एक रस में सर्वस लुटानी लगी**

**संस्कारों में दिव्यता छलकने लगी**

**सदगुणों से हम निखरने लगे**

**भिखरे सम्बन्ध अब सिमटने लगे**

**स्नेह सहयोग की भावना पनपने लगी**

**काँटों से फ़ूल मैं बनने लगी**

**प्रेम की लगन में मगन होने लगी**

**प्रभु प्राप्तियाँ होने लगी**

**जीवन को उचित दिशा मिल ही गयी**

**सर्व की दुआएँ हमें मिलने लगी**


ॐ शांति