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Murli Poem

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 बनो रहमदिल बाप समान

यह है बाप का फरमान

सबसे उत्तम पार्ट उनका कहेंगे

जो दूसरों को भी उत्तम बनायेंगे

ज्ञान और योग से अपनी बुद्धि को रिफाइन बनाना

आशिक बन माशूक को याद करना

बाप को भूलने की भूल कभी नहीं करनी

बन्धनमुक्त बन आप समान बनाने की सेवा करनी

ऊँच पद पाने का पुरुषार्थ करना

पुरुषार्थ में कभी दिलशिकस्त नहीं बनना

जिनका स्वभाव मीठा, शान्तचित होता

उस पर क्रोध का भूत वार नहीं कर सकता

मेरा बाबा

ॐ शान्ति !!!